Rekha khichi

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लेखनी कहानी -07-Jul-2022

बहुत याद आते हैं वो बीते दिन
जब साथ बचपन की टोली थी
ना कोई लालच था,ना कोई स्वार्थ था
बस खुशियां ही हमजोली थी
बड़े होकर तो क्या पाया
बस जिम्मेदारी को अपना फर्ज़ बनाया
हर मुश्किल बखूबी पार करते हैं
पर वो मुस्कान जो थी बीते दिन की
उसको हासिल कर नहीं पाया
बड़ा ही चालाक होता है ये कल
जो हंसते हुए आज को ले जाता है
क्यों चला गया वो बचपन दिल में
 आज भी ये सवाल आता है
उस बीते दिन में वापिस जाना है
अपने मां पापा के दुलार को फिर से पाना है
भाई बहन एक दूजे की जान होते
दोनों एक दुसरे के दूर जाने के नाम से रोते
आज भी बहुत बार वो यादें याद आती है
हंसती हुई आंखो में पानी दे जाती है
वो प्यार वो बचपन वापिस लौट के नहीं आएगा
वो भाई बहन की जोड़ी फिर से कमाल नहीं दिखायेगा
इन दोनों में तो अपने माता पिता की शान है
दोनों के साथ जुड़ा हुआ उनका नाम है
भाई बहन के साथ मिलकर ही परिवार पूरा होता है
वरना कुछ न कुछ तो अधूरा रहता है
खुश नसीबी दोनों के साथ होती है
भाई बहन की तो कुछ अलग ही बात होती है।

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5 Comments

Swati chourasia

08-Jul-2022 06:20 AM

बहुत खूब 👌

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Ilyana

07-Jul-2022 08:48 PM

Nice

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Raziya bano

07-Jul-2022 09:29 AM

Nice

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